राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति (NOS) योजना 

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने संसद को सूचित किया है कि राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति (NOS) योजना के तहत चयनित सभी 106 छात्रों को प्रारंभिक पुरस्कार पत्र (provisional award letters) जारी कर दिए गए हैं। इससे पहले 66 छात्रों (जिनमें अधिकांश अनुसूचित जाति, विमुक्त, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदायों से थे) को यह पत्र जारी नहीं किया गया था, जिससे विवाद और चिंता उत्पन्न हुई थी।

अब 2025-26 के लिए चयनित छात्रों को विदेश के शीर्ष विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी।

वैल्यू एडिशन (UPSC के दृष्टिकोण से):

राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना (NOS) – मुख्य बिंदु:

प्रारंभ: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा

उद्देश्य: अनुसूचित जाति (SC), विमुक्त जाति (Denotified Tribes), घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियों, भूमिहीन श्रमिकों और पारंपरिक कारीगरों को विदेश में उच्च शिक्षा (PG/PhD) प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता देना।

वित्तीय कवरेज: ट्यूशन फीस, यात्रा व्यय, वीज़ा फीस, रहने-खाने का भत्ता आदि।

वार्षिक चयन: अधिकतम 125 छात्र प्रति वर्ष।

वार्षिक आय सीमा: ₹8 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

मान्य संस्थान: विश्व की टॉप 500 रैंकिंग वाले विश्वविद्यालय (QS/Times/Shanghai सूची के अनुसार)।

2025-26 अपडेट: कुल 106 छात्र चयनित, जिनमें 66 वंचित समुदायों से हैं।

हाल की चिंताएं और प्रासंगिकता:

66 चयनित छात्रों को प्रारंभिक पुरस्कार पत्र देने में विलंब हुआ, जिससे योजना की पारदर्शिता और समयबद्धता पर प्रश्न उठे।

यह मुद्दा संवैधानिक मूल्यों — विशेष रूप से अनुच्छेद 15(4) और अनुच्छेद 46 (राज्य द्वारा समाज के कमजोर वर्गों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी) — से जुड़ा है।

योजना वंचित समुदायों को वैश्विक स्तर पर प्रतिनिधित्व, शैक्षिक गतिशीलता और सामाजिक सम्मान प्रदान करने का माध्यम है।

यह विदेशों में भारत की शैक्षणिक उपस्थिति बढ़ाने और सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी का भी हिस्सा बन सकता है।

UPSC मुख्य परीक्षा GS-2 प्रश्न (GS Paper 2 – Mains Questions):

Q1. “राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना सामाजिक न्याय को साकार करने और वैश्विक शैक्षणिक प्रतिनिधित्व को बढ़ाने का एक प्रभावी उपकरण है।” हालिया घटनाओं के आलोक में योजना की प्रभावशीलता और चुनौतियों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।

Q2. “शिक्षा में सकारात्मक भेदभाव (affirmative action) नीति की सफलता प्रशासनिक पारदर्शिता और समयबद्ध क्रियान्वयन पर निर्भर करती है।” राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना के संदर्भ में चर्चा करें।

Q3. “वंचित वर्गों के लिए विदेश शिक्षा केवल शिक्षा का अवसर नहीं, बल्कि गरिमा, पहचान और सामाजिक गतिशीलता का साधन है।” टिप्पणी करें।

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