दुनिया के सबसे छोटे साँप “बारबाडोस थ्रेडस्नेक” की पुनः खोज
लगभग दो दशकों तक गायब रहने और विलुप्त माने जाने के बाद, दुनिया के सबसे छोटे साँप — बारबाडोस थ्रेडस्नेक (Tetracheilostoma carlae) — को मार्च 2024 में फिर से खोजा गया। यह खोज कॉनर ब्लेड्स, जो कि बारबाडोस के पर्यावरण मंत्रालय में परियोजना अधिकारी हैं, द्वारा की गई।
यह साँप सिर्फ 10 सेंटीमीटर लंबा होता है और इतना छोटा है कि एक सिक्के पर आराम से बैठ सकता है। यह प्रजाति अपनी छुपने की प्रवृत्ति, छोटे आकार और जमीन में बिल बनाने की आदत के कारण वैज्ञानिकों की नजरों से दूर रही। ब्लेड्स ने इसे एक “जैक-इन-द-बॉक्स” पेड़ के पास एक पत्थर के नीचे खोजा, जो बारबाडोस में बहुत सीमित क्षेत्र में पाया जाता है।
उन्होंने इसे माइक्रोस्कोप और वीडियो फुटेज के ज़रिए पहचान की।
इस पुनः खोज की घोषणा 23 जुलाई को Re:wild संरक्षण समूह ने की, जो बारबाडोस सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रहा है।
यह साँप पहले “विज्ञान के लिए खोई हुई प्रजातियों” की 4,800 जीवों की सूची में शामिल था। यह साँप नेत्रहीन होता है, दीमक और चींटियाँ खाता है, और एक बार में केवल एक पतला अंडा देता है।
इस प्रजाति की पहली पहचान 2008 में प्रो. एस. ब्लेयर हेजेस ने की थी, जिन्होंने इसे अपनी पत्नी के नाम पर वैज्ञानिक रूप से नाम दिया था। हेजेस ने इसे अत्यंत दुर्लभ बताया, क्योंकि उन्होंने सैकड़ों पत्थर पलटने के बावजूद पहले इसे नहीं पाया था।
यह खोज न केवल जैव विविधता संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि स्थानीय पारिस्थितिक तंत्रों में छिपी प्रजातियाँ अब भी जीवित हैं और उनका महत्वपूर्ण पारिस्थितिकीय योगदान है।