
भारत और सिंगापुर के बीच होने वाला संयुक्त सैन्य अभ्यास “बोल्ड कुरुक्षेत्रा 2025” का 14वाँ संस्करण राजस्थान के जोधपुर में आयोजित हुआ। इस अभ्यास की शुरुआत 2005 में हुई थी, और यह एक टेबल टॉप एक्सरसाइज (Table Top Exercise) तथा कंप्यूटर आधारित युद्धाभ्यास है, जिसका उद्देश्य यंत्रीकृत युद्ध प्रक्रियाओं (Mechanised Warfare) की पुष्टि करना है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य संयुक्त प्रशिक्षण और पारस्परिक समन्वय (interoperability) को बढ़ावा देना है, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के अंतर्गत।
यह अभ्यास भारत–सिंगापुर रक्षा सहयोग को सशक्त बनाता है, जो 2003 में हुए डिफेंस कोऑपरेशन एग्रीमेंट पर आधारित है (जिसे 2015 में नवीनीकृत किया गया)। इस समझौते के तहत सिंगापुर भारत को अपने सैन्य प्रशिक्षण क्षेत्र (जैसे – बबीना, देवळाली) उपलब्ध कराता है। ‘बोल्ड कुरुक्षेत्रा’ के अतिरिक्त दोनों देशों के बीच नौसैनिक अभ्यास SIMBEX भी होता है, जिसकी शुरुआत 1994 में ‘एक्सरसाइज लायन किंग’ के नाम से हुई थी और यह भारतीय नौसेना का सबसे लंबा सतत् द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है।
बोल्ड कुरुक्षेत्रा जैसे अभ्यास भारत की एक्ट ईस्ट नीति के लिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि सिंगापुर दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत का एक प्रमुख रणनीतिक भागीदार है। यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं को संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों (UN Peacekeeping) में समन्वित संचालन, रणनीतिक योजना, तथा आदेश-स्तरीय तालमेल के लिए तैयार करता है। यह न केवल द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को मजबूत करता है, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम-आधारित व्यवस्था को बनाए रखने में भी सहायक है।