🔷 लक्षद्वीप में कोरल का क्षरण
हाल ही में एक अध्ययन में पाया गया कि लक्षद्वीप द्वीपसमूह में कोरल रीफ का आवरण 1998 की तुलना में लगभग 50% घट चुका है। पिछले 24 वर्षों में कोरल कवर 37.24% से घटकर 19.6% रह गया है, जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
🔷 कोरल क्या हैं?
कोरल समुद्री अकशेरुकी जीव होते हैं जो Cnidaria नामक जीवों के समूह से संबंधित होते हैं। ये छोटे, नरम जीवों के समूह (पॉलीप्स) से बने होते हैं, जो अपने चारों ओर कैल्शियम कार्बोनेट से बना कठोर आवरण (exoskeleton) बनाते हैं। लाखों पॉलीप्स मिलकर विशाल कोरल रीफ संरचनाओं का निर्माण करते हैं।
कोरल को उनका रंग ज़ूजैंथली (zooxanthellae) नामक सूक्ष्म शैवाल से मिलता है।
कोरल रीफ के तीन प्रमुख प्रकार हैं:
फ्रिंजिंग रीफ (Fringing reefs) – तटरेखा के साथ बनते हैं बैरीयर रीफ (Barrier reefs) – खुले समुद्र में विकसित होते हैं एटोल (Atolls) – डूबे हुए ज्वालामुखियों के चारों ओर वलयाकार रीफ बनते हैं
भारत में प्रमुख कोरल रीफ क्षेत्र हैं: कच्छ की खाड़ी, मन्नार की खाड़ी, अंडमान और निकोबार द्वीप, लक्षद्वीप द्वीप और मालवन।
🔷 कोरल रीफ का पारिस्थितिक महत्व
कोरल रीफ समुद्री जैव विविधता के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। यह लगभग 25% समुद्री जीवों को भोजन, आश्रय और प्रजनन स्थल प्रदान करते हैं। ये प्राकृतिक नर्सरी की भूमिका निभाते हैं। साथ ही, दुनिया भर में 1 अरब से अधिक लोग कोरल रीफ पर भोजन, रोजगार और मनोरंजन के लिए निर्भर हैं, विशेष रूप से तटीय क्षेत्रों में।
🔷 कोरल ब्लीचिंग और क्षरण के कारण
जलवायु परिवर्तन और समुद्री हीटवेव – बढ़ते समुद्र सतह तापमान के कारण कोरल और उनके शैवाल के बीच का संबंध टूट जाता है, जिससे कोरल ब्लीचिंग होती है। महासागरीय अम्लीकरण (Ocean Acidification) – वायुमंडलीय CO₂ के महासागर में घुलने से पानी का pH घटता है, जिससे कोरल के लिए हड्डी जैसी संरचना बनाना कठिन हो जाता है। प्रदूषण – भूमि से बहकर आने वाले उर्वरक, कीटनाशक, और भारी धातुएं जैसे सीसा कोरल के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। भौतिक क्षति – तटीय विकास, अवैज्ञानिक मत्स्यन, अवसादन, और कोरल खनन रीफ को भौतिक रूप से नष्ट करते हैं। अत्यधिक मछली पकड़ना (Overfishing) – शैवाल नियंत्रण करने वाली मछलियों की संख्या कम हो जाती है, जिससे कोरल क्षेत्र शैवाल से भर जाते हैं और उनका क्षरण होता है।
🔷 क्या कोरल ब्लीचिंग से उबर सकते हैं?
हां, कोरल उचित परिस्थितियों में ब्लीचिंग से धीरे-धीरे उबर सकते हैं। यदि समुद्र का तापमान सामान्य हो जाए और पर्यावरणीय परिस्थितियाँ ठीक हो जाएँ, तो ज़ूजैंथली शैवाल कोरल में वापस आ सकते हैं और वे फिर से रंग और जीवन शक्ति प्राप्त कर सकते हैं।