🔷 परिचय और पृष्ठभूमि
भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की UK यात्रा के दौरान एक ऐतिहासिक Comprehensive Economic Trade Agreement (CETA) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारत का पिछले एक दशक में पहला प्रमुख मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है, जबकि ब्रेग्ज़िट के बाद यह UK का चौथा FTA है। यह समझौता तीन वर्षों की बातचीत के बाद सम्पन्न हुआ है।
🔷 उद्देश्य और महत्व
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य भारत और UK के बीच व्यापार को सरल, सुगम और लाभकारी बनाना है। वर्तमान में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 56 अरब अमेरिकी डॉलर का है और दोनों देशों ने इसे 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। समझौता तब लागू होगा जब दोनों देश इसे संसद में अनुमोदित करेंगे—भारत में कैबिनेट द्वारा यह पहले ही स्वीकृत किया जा चुका है।
🔷 भारत को होने वाले लाभ
99% भारतीय उत्पादों को UK में शून्य शुल्क पर पहुंच: इससे वस्त्र, जूते, रत्न-आभूषण, इंजीनियरिंग उत्पाद जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को विशेष लाभ मिलेगा।
भारतीय पेशेवरों को UK में अस्थायी प्रवेश: योग प्रशिक्षकों, शेफ और आईटी विशेषज्ञों जैसे पेशेवरों को UK में काम करने का अवसर मिलेगा।
सामाजिक सुरक्षा अंशदान से छूट: अस्थायी रूप से UK में काम कर रहे भारतीय कर्मचारियों को तीन साल तक सामाजिक सुरक्षा शुल्क नहीं देना होगा।
उत्पादन क्षेत्र को प्रोत्साहन: इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, रसायन, फूड प्रोसेसिंग, प्लास्टिक जैसे क्षेत्रों की निर्यात क्षमता बढ़ेगी।
कृषि और मत्स्य क्षेत्र को समर्थन: कई कृषि और समुद्री उत्पादों को UK बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलने से भारतीय किसानों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मदद मिलेगी।
🔷 यूनाइटेड किंगडम को होने वाले लाभ
90% ब्रिटिश वस्तुओं पर आयात शुल्क में कमी: इससे भारत में ब्रिटिश उत्पाद सस्ते और प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
व्हिस्की और जिन पर शुल्क में कटौती: वर्तमान 150% शुल्क को घटाकर 75% किया जाएगा और अगले दस वर्षों में यह 40% तक लाया जाएगा।
ब्रिटिश कारों पर कम शुल्क: इससे UK की ऑटोमोबाइल कंपनियों को भारत में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा।
सरकारी निविदाओं में भागीदारी: ब्रिटिश कंपनियाँ भारत सरकार की उच्च मूल्य वाली टेंडरों में हिस्सा ले सकेंगी।
सेवाओं के क्षेत्र में अवसर: IT, वित्तीय सेवाओं, कंसल्टिंग और इंजीनियरिंग जैसी पेशेवर सेवाओं को लाभ मिलेगा।
🔷 UK-India Vision 2035 Roadmap
इस व्यापार समझौते को UK-India Vision 2035 Roadmap के रणनीतिक ढांचे में देखा जा सकता है। यह रोडमैप दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करता है और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए स्पष्ट लक्ष्य और मील के पत्थर निर्धारित करता है। यह भविष्य के लिए नवाचार और सतत साझेदारी का मार्ग प्रशस्त करता है।
🔷 निष्कर्ष
CETA भारत और UK के बीच आर्थिक, रणनीतिक और सामाजिक रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ता है। यह न केवल व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा, बल्कि पेशेवरों, किसानों, निर्माताओं और सेवा प्रदाताओं के लिए भी नए अवसरों का द्वार खोलेगा। यह समझौता आत्मनिर्भर भारत और ग्लोबल ब्रिटेन की साझा रणनीति को व्यवहार में लाने का एक ठोस कदम है।