जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन की घटनाएं बढ़ रही हैं, विशेषज्ञों के अनुसार डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम पर होना चाहिए मुख्य फोकस

विश्व डूबने की रोकथाम दिवस पर, लेख इस बात पर जोर देता है कि डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम को नीति-निर्माण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए, विशेषकर बढ़ती जलवायु-जनित बाढ़ और खराब शहरी डिजाइन के संदर्भ में।

एक दुखद उदाहरण तमिलनाडु की एक 4 वर्षीया बच्ची की मौत का दिया गया है, जो किंडरगार्टन में एक खुले गहरे पानी के टैंक में गिर गई। यह घटना बताती है कि असुरक्षित सार्वजनिक स्थान — जैसे स्कूल, सड़कें, पार्क और घर — खासकर बच्चों के लिए रोज़ाना डूबने का खतरा पैदा करते हैं।

🔸 मुख्य तथ्य एवं विशेषज्ञों की राय:

सभी डूबने से होने वाली मौतों में से एक-तिहाई 0–14 आयु वर्ग में होती हैं।

बच्चों के लिए जोखिम अधिक हैं क्योंकि उनमें निगरानी की कमी, असुरक्षित अवसंरचना और तैराकी कौशल की कमी होती है।

2011 से 2020 के बीच, भारत में बाढ़ ने प्रति वर्ष लगभग 1,500 लोगों की जान ली। जलवायु परिवर्तन शहरी बाढ़ को और गंभीर बना रहा है तथा छोटे जलकुंडों को घातक जाल में बदल रहा है।

खराब रूप से रखरखाव की गई अवसंरचना — खुले टैंक, बिना बाड़ वाले पूल, बिना ढक्कन वाले नाले — जोखिम को और बढ़ाते हैं। शहरी योजना अक्सर सुरक्षा की तुलना में डिजाइन को प्राथमिकता देती है, जिसमें पैदल यात्री सुरक्षा और बाल सुरक्षा का अभाव होता है।

डब्ल्यूएचओ (WHO) और एनडीएमए (NDMA) इस समस्या को स्वीकारते हैं, लेकिन भारत में शहरी बाढ़ से जुड़ी डूबने की रोकथाम के लिए मजबूत क्रियान्वयन की कमी है।

🔹 सिफारिशें:

शहरों को केवल सौंदर्य के लिए नहीं, बल्कि बाढ़-प्रतिरोधी दृष्टिकोण से डिजाइन किया जाए। सार्वजनिक और निजी स्थानों में रखरखाव, निगरानी और सुरक्षा प्रोटोकॉल को बेहतर बनाया जाए। समुदायों और निजी क्षेत्र को सुरक्षा और सुविधाओं के रखरखाव में शामिल किया जाए। प्रथम प्रतिक्रिया करने वालों (first responders) और आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाई जाए। शहरी बाढ़ की तैयारी को स्मार्ट सिटी मिशन और शहरी विकास योजनाओं का हिस्सा बनाया जाए।

📝 UPSC मुख्य परीक्षा प्रश्न (GS पेपर 2 / 3):

प्र. “शहरी क्षेत्रों में बढ़ती जलवायु-जनित बाढ़ की पृष्ठभूमि में, डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम भारत में एक सार्वजनिक सुरक्षा प्राथमिकता बननी चाहिए।” इस कथन की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए तथा डूबने से मृत्यु रोकने हेतु संस्थागत, अवसंरचनात्मक एवं नीतिगत कमियों का विश्लेषण करते हुए बाढ़-प्रतिरोधी और सुरक्षित शहरी स्थानों के निर्माण हेतु उपाय सुझाइए।

(उत्तर 250 शब्दों में दें)

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